ये हैं रेलवे के करोड़पति टीटीई, साढ़े छह महीने में ही एक करोड़ रुपये से ज्यादा का वसूला जुर्माना

October 17, 2023, 6:43 PM
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भारतीय रेलवे (Indian Railways) दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क तो नहीं है। लेकिन यहां हर रोज ट्रेन में यात्रा करने वाले पैसेंजर्स दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। टिकट लेकर ही हर रोज करीब ढ़ाई करोड़ लोग ट्रेवल करते हैं। बेटिकट यात्रा करने वालों की संख्या तो छोड़ ही दीजिए। क्योंकि देश के तकरीबन हर हिस्से में बेटिकट यात्री सफर करते हैं। ऐसे ही बेटिकट यात्रियों पर कहर बन कर टूटते हैं सेंट्रल रेलवे के टीटीई सुनील नैनानी। इन्होंने इसी वित्त वर्ष के दौरान बेटिकट यात्रियों से जुर्माने के रूप में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली की है।

छह महीने में ही बना रिकार्ड

सेंट्रल रेलवे ने ट्वीट कर सुनील नैनानी के बारे में बताया है। ट्वीट में बताया गया है कि मुंबई डिवीजन के टिकट चेकिंग स्कायड में तैनात टीटीई सुनील ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इंडिविजुअल टिकट चेकिंग अर्निंग में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का रेवेन्यू जुटाया है। उन्होंने इस साल एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 10,426 बेटिकट यात्रियों से फाइन के रूप में 1,00,02,830 रुपये वसूला।

पिछले साल भी एक करोड़ से ज्यादा की वसूली

सुनील नैनानी ने न सिर्फ चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूला है बक्लि पिछले साल भी उन्होंने 18,413 बेटिकट यात्रियों से 1.62 करोड़ रुपये वसूला था। सेंट्रल रेलवे में साल 2022-23 के दौरान कुल चार टिकट चेकिंग स्टाफ ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला था। इनमें सुनील नैनानी के साथ भीम रेड्डी, एम एम शिंदे और आर डी बहोत ने बेटिकट यात्रियों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम वसूली है।

रेलवे की खूब होती है कमाई

बेटिकट यात्रियों से भारतीय रेल भी खूब कमाई करता है। नियमानुसार ऐसे यात्रियों के पकड़े जाने पर उनपर जुर्माना लगाया जाता है। साल 2022-23 के दौरान रेलवे ने बेटिकट यात्रा कर रहे 3.6 करोड़ यात्रियों को पकड़ा था। इनमें कुछ ऐसे यात्री भी थे जो कि जनरल टिकट ले कर स्लीपर क्लास में यात्रा कर रहे थे या उपयुक्त टिकट के बिना यात्रा कर रहे थे। यह संख्या एक साल की तुलना में करीब एक करोड़ अधिक है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब में यह जानकारी सामने आई थी। आरटीआई जवाब के मुताबिक, वर्ष 2019-2020 में 1.10 करोड़ लोग बिना टिकट या गलत टिकट के साथ यात्रा करते पकड़े गए थे, जबकि 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 2.7 करोड़ और 2022-23 में 3.6 करोड़ हो गई।

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