ऑफिस गीता

January 8, 2016, 4:33 PM
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? ऑफिस  गीता ?

हे पार्थ,

|| तुम अकेले आये थे, ऑफिस
में अकेले जाओगे; अस्तु
स्टाफ की कमी का रोना न
रोओ। अकेले ही युद्ध करो||

||तुम बेवजह अधिक काम
करने से हुई गलतियों के
लिए प्राप्त दंडों का
पश्चाताप मत करो ||

|| तुम अगले प्रमोशन
की चिंता भी मत करो ||

|| बस अपनी करंट
ड्यूटी से ही प्रसन्न रहो ||

|| तुम जब नहीं थे, तब
भी ये ऑफिस चल रहा था ||

|| तुम जब नहीं होगे, तब
भी ये ऑफिस चलता रहेगा ||

|| जो काम आज
तुम्हारा है, कल किसी
और का था ||

|| वो कल किसी
और का होगा ||

|| तुम इसे अपना समझ
कर मगन हो रहे हो ||

|| यही तुम्हारे समस्त
दुखों का कारण है ||

|| प्रमोशन, इन्क्रीमेंट,
छुट्टी, पेंशन जैसे शब्द
अपने मन से निकाल दो

फिर तुम ऑफिस के और
ये ऑफिस तुम्हारा होगा ।।

???

Source – WhatsApp

   
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