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Shri Anil Kumar Khandelwal,Member Infrastructure Railway Board visits USBRL Project
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Shri Anil Kumar Khandelwal,Member Infrastructure Railway Board visits USBRL Project
AIM & OBJECTIVES OF INDIAN RAILWAYS
भारत सरकार (GOVERNMENT OF INDIA)
रेल मंत्रालय (MINISTRY OF RAILWAYS)
रेलवे बोर्ड (RAILWAY BOARD)
मास्टर परिपत्र सं.47/92
(पहला अद्यतन, सितंबर 2019)
सं. 2019/ई (एलआर) III/ एलआर/एचएल 1-2
नई दिल्ली, दिनांक 13.09.2019
महाप्रबंधक,
सभी क्षेत्रीय रेलें, उत्पादन इकाइयां एवं अन्य
विषयः अवकाश, जिनमें राष्ट्रीय अवकाश एवं प्रतिबंधित अवकाश शामिल हैं।
संदर्भः बोर्ड का दिनांक 15.6.1992 का पत्र सं. ई (एलआर) III/90/एचएल 1/5 (एम.सी. नं. 47/92)
रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) द्वारा बोर्ड के दिनांक 15.6.1992 के पत्र के तहत एक समेकित मास्टर परिपत्र सं. 47/92 जारी किया गया, जो उस समय तक जारी किए गए अनुदेशों पर आधारित था।
तब से ‘अवकाश’ विषय पर अनेक अनुदेश जारी किए गए हैं। इन मौजूदा आदेशों/परिपत्रों को एक अद्यतन मास्टर परिपत्र में समेकित करने का प्रश्न विचाराधीन रहा है। अब सभी संबंधितों की सूचना और मार्गदर्शन के लिए इस विषय पर एक समेकित, संशोधित और अद्यतन मास्टर परिपत्र जारी करने का विनिश्चय किया गया है।
(क) परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 25 के अंतर्गत निर्धारित या अधिसूचित कोई अवकाश दिन, और
(ख) किसी विशिष्ट कार्यालय के संबंध में, वह दिन जब रिजर्व या अर्हता के बिना सरकारी कार्य के निष्पादन के लिए किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा उस कार्यालय को बन्द करने का आदेश दिया जाता है।
नोटः प्रतिबंधित अवकाश दिन के दौरान, कार्यालय संव्यवहार के लिए नहीं खोला जाता है बल्कि उन्हें अन्य बन्द अवकाश दिनों के सदृश माना जाता है और उन्हें नियमित छुट्टी या आकस्मिक छुट्टी से पूर्व या बाद में लिया जा सकता है।
(संदर्भ: नियम 103(23), स्थापना संहिता, वाल्यूम ।/ पांचवां संस्करण-1985 दिनांक 12.10.2015 को 127 तक जारी सभी शुद्धिकरण पर्चियों को शामिल करते हुए 2008 का तीसरा पुनर्मुद्रण संस्करण)
रेल कर्मचारियों की ड्यूटियां और उसके उत्तरदायित्व अलग-अलग प्रकार के होने के कारण, वे मोटे तौर पर निम्निलखित तीन कोटियों में आते हैं:-
(i) प्रशासनिक कार्यालयों में लिपिकीय प्रकृति का कार्य करने वाले रेल कर्मचारी इन्हें आम तौर पर कार्यालय कर्मचारी कहा जाता है;
इस कोटि में मुख्यालयों, मंडल कार्यालयों तथा ऐसी ही अन्य कार्यालय स्थापनाओं में कार्य करने वाले सभी रेल कर्मचारी शामिल हैं।
(ii) कारखाना कर्मचारी;
इस कोटि में कारखाना अधिनियम द्वारा शासित कारखानों तथा अन्य संबद्ध स्थापनाओं, जैसे भंडार, कार्यालय, प्रयोगशाला, आदि जो कारखाना अधिनियम द्वारा शासित हो या न शासित हो, में काम करने वाले सभी रेल कर्मचारी शामिल हैं।
(iii) चालू लाइन कर्मचारी;
इस कोटि में अन्य सभी रेल कर्मचारी, यथा रनिंग कर्मचारी, स्टेशनों पर कार्यरत सभी कर्मचारी, लोको शेडों, सवारी एवं माल डिब्बा डिपुओं, रेलपथ निरीक्षक, निर्माण निरीक्षक, बीआरआई, एस.आई. आदि के कार्यालयों में काम करने वाले सभी कारीगर, पर्यवेक्षी तथा लिपिकवर्गीय कर्मचारी शामिल हैं।
3.1 अवकाश के लिए पात्रता
कर्मचारियों की उपर्युक्त तीन कोटियों के लिए अवकाश की पात्रता नीचे लिखे अनुसार है:-
बन्द अवकाश दिन प्रतिबंधित अवकाश दिन कुल
(क) कार्यालय कर्मचारी 16 2 18
(ख) कारखाना कर्मचारी 15 सवेतन अवकाश – 15
(ग) चालू लाइन कर्मचारी 12 – 12
(संदर्भ: कार्यालय कर्मचारी: बोर्ड का 30.12.1959 और 7.1.1960 का पत्र ई (एल) 59 एचएल 1/17, कारखाना कर्मचारी: 27.12.49 का ई.49 सीपीसी/212
चालू लाइन कर्मचारीः बोर्ड के दिनांक 3.12.1996 के पत्र सं.ई (एलआर) III/93/ एचएल 1-2 के साथ पठित बोर्ड का 28.12.88 का पत्र सं.ई (एलआर) III86/एचएल 1/4)
दिल्ली/ नई दिल्ली में काम करने वाले कार्यालय कर्मचारियों के लिए, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक कैलेंडर वर्ष में सभी 16 बन्द अवकाश दिनों की सूची तैयार और घोषित की जाएगी।
4.1 रेलों के मामले में, कार्यालय कर्मचारियों के लिए 16 अवकाश दिनों, कारखाना कर्मचारियों के संबंध में 15 सवेतन अवकाश दिनों और लाइन कर्मचारियों के संबंध में 12 सवेतन अवकाश दिनों का चयन श्रम संगठनों के साथ परामर्श करके किया जाएगा। बहरहाल, इन अवकाश दिनों में तीनों राष्ट्रीय अवकाश दिन शामिल होंगे।
निम्नलिखित तीन दिनों को राष्ट्रीय अवकाश दिन माना जाता है:-
(i) 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस,
(ii) 15 अगस्त को स्वतंत्र को स्वतंत्र दिवस; और
(iii) 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जन्म दिवस।
ये तीनों राष्ट्रीय अवकाश अनिवार्य हैं।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 1.12.1950 का पत्र सं. ई/50/एचएल 1/11 और 30.10.1978 का पत्र सं.ई (एलआर) III/78/एचएल 1/9)
कतिपय अपवादों को छोड़कर, चालू लाइन कर्मचारियों की कोटि में आने वाले रेल कर्मचारियों को यथा रेल संचलन, गाड़ियां गुजारने, अनिवार्य सेवाओं के अनुरक्षण के काम में लगे कर्मचारियों, रोस्टर ड्यूटी घंटों आदि में नियुक्त रेल कर्मचारियों को कदाचित राष्ट्रीय अवकाश (अवकाशाँ) के दिन कार्य-मुक्त करना संभव न हो। राष्ट्रीय अवकाश के दिन उपस्थिति के लिए उन्हें समय-समय पर अधिसूचित दरों पर वित्तीय प्रतिकर देय है।
6.1 राष्ट्रीय अवकाश के दिन उपस्थिति के बदले दिया जाने वाला वित्तीय प्रतिकर निम्नलिखित परिस्थितियों में भी स्वीकार्य होगाः-
(क) जब रेल कर्मचारी के विश्राम का दिन और राष्ट्रीय अवकाश एक ही दिन पड़ते हों,
(ख) जब रनिंग कर्मचारी “राष्ट्रीय अवकाश के दिन वेटिंग ड्यूटी पर हों।
(ग) जब रनिंग कर्मचारी ‘राष्ट्रीय अवकाश दिन’ पर ‘लाइट ड्यूटी’ पर हों तो वित्तीय प्रतिकर भी लागू होगा;
(घ) जब रनिंग कर्मचारी जिन्होंने राष्ट्रीय अवकाश के दिन आवधिक विश्राम सहित अपना विश्राम पूरा कर लिया हो और जिन्होंने उस दिन ड्यूटी के लिए बुक किए जाने की प्रतीक्षा में हों, वे भी राष्ट्रीय अवकाश भत्ता के पात्र होंगे।
(ड.) वित्तीय प्रतिकर ऐसे कार्यमुक्त कर्मचारियों के लिए भी लागू होगा जो बाहरी स्टेशन पर ड्यूटी करने के बाद राष्ट्रीय अवकाश पर यात्री के रूप में अपने मुख्यालय के लिए यात्रा कर रहा हो। जब एवजी कर्मचारी किसी अन्य स्टेशन पर ड्यूटी ग्रहण करने के लिए अपने मुख्यालय से यात्री के रूप में यात्रा कर रहो हो तो भी प्रतिकर लागू होगा।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 22.12.1998 का पत्र सं. ई (पी एण्ड ए)।-98/एचएल/1 और आईआरईसी वाल्यूम-।। का नियम 1424)
6.2 राष्ट्रीय अवकाश के दिन दौरे के रूप में ड्यूटी कर रहे रेल कर्मचारी वित्तीय प्रतिकर के लिए पात्र नहीं होंगे।
6.3 जो रेल कर्मचारी रात-दिन शिफ्टों में ड्यूटी करते हैं और जो किसी राष्ट्रीय अवकाश के दिन आंशिक ड्यूटी करते हैं, वे पूरी निर्धारित दर पर वित्तीय प्रतिकर के पात्र हैं।
(संदर्भ: बोर्ड का 22.12.1998 का पत्र सं. ई (पी एण्ड ए)।-98/एचएल/1 और आईआरईसी वॉल्यूम ।। का नियम 1424)
6.4 रेल सुरक्षा बल के चौबीसों घंटे काम करने वाले सदस्य, जो सार्वजनिक अवकाश के पात्र हैं,
राष्ट्रीय अवकाश के दिन काम करने के लिए वित्तीय प्रतिकर के भी पात्र हैं। (संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 22.12.1998 का पत्र सं. ई (पी एण्ड ए)।-98/एचएल/1 और आईआरईसी वॉल्यूम-॥ का नियम 1424)
6.5 अवकाश दिन/कार्यालय बन्द होने के दिन आरपीएफ /आरपीएसएफ कर्मचारियें को नकद प्रतिकर।
(क) जन सेवा की आवश्यकता होने पर, रेसुब/रेसुविब कार्मिकों को राजपत्रित अवकाशों/छुट्टी के दिनों/प्रतिबंधित अवकाशों/राष्ट्रीय अवकाशों/साप्ताहिक विश्राम के दिनों / अन्य अवकाशों पर भी ड्यूटी करना अपेक्षित होता है। कर्मचारियों के पूर्व निश्चित अवकाश/छुट्टी के दिन के बदले उसी सप्ताह के दौरान या अगले 30 दिनों के भीतर प्रतिपूरक अवकाश/विश्राम देने के सभी प्रयास करने चाहिए। केवल आकस्मिक परिस्थितियों में ही विश्राम दिवस या राजपत्रित अवकाश के दिन कार्य करने के बदले साप्ताहिक विश्राम या प्रतिपूरक विश्राम/अवकाश देने से इन्कार करना चाहिए और उस चौकी के कम्पनी कमांडर/प्रभारी अधिकारी द्वारा उसका कारण दर्ज करना चाहिए। कर्मचारी को स्टेशन छोड़ने की अनुमति देते समय यदि विश्राम दिवस मांगा जाता है तो, उसे अवश्य देना चाहिए। सुरक्षा अधिकारी/सहायक सुरक्षा अधिकारी स्वयं इसे सुनिश्चित करेंगे और कंपनी कमांडर/चौकी प्रभारी को उपयुक्त निर्देश जारी करने चाहिए।
(ख) यदि प्रतिपूरक छुट्टी देना संभव न हो तो उपर्युक्त उप-नियम (क) के अनुसार, उस कर्मचारी को उसके द्वारा अवकाश के प्रत्येक दिन किए गए वास्तविक कार्य के लिए नकद प्रतिपूर्ति देय है।
नोटः किसी कैलेण्डर वर्ष में नकद प्रतिपूर्ति की कुल राशि एक माह के वेतन, जिसमें मूल वेतन, विशेष वेतन (यदि कोई हो) और महंगाई भत्ता शामिल है, से अधिक नहीं होनी चाहिए।
(ग) रेसुब/रेसुविब कार्मिक राष्ट्रीय अवकाश के दिन ड्यूटी करने के लिए अतिरिक्त राष्ट्रीय अवकाश भत्ता के पात्र नहीं होंगे।
(घ) अवकाश दिन को उपस्थिति के बदले नकद प्रतिपूर्ति के प्रयोजन से पद ‘अवकाश’ में 16 सार्वजनिक/राजपत्रित अवकाश/प्रतिबंधित अवकाश, साप्ताहिक विश्राम दिन (चाहे रविवार हो या कोई अन्य दिन), दूसरा शनिवार और 9 राष्ट्रीय अवकाश शामिल हैं।
(संदर्भ: आईआरईसी वाल्यूम ।। का नियम 1425)
6.6 वित्तीय प्रतिकर का भुगतान केवल उन्हीं अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को स्वीकार्य है, जो पात्र होने के बावजूद सार्वजनिक अवकाश नहीं ले पाते और राष्ट्रीय अवकाश के दिन ड्यूटी पर हाजिर होने के लिए बुक किए जाते हैं। केवल वही कर्मचारी यह भत्ता पाने के पात्र हैं जिनका स्तर वेतन मेट्रिक्स में स्तर 8 (रेल सेवा (संशोधित वेतन) नियमावली 2016) से अधिक नहीं है।
(संदर्भ: बोर्ड का 30.08.2017 का पत्र सं. ई (पी एण्ड ए)1-2017/एचएल/1)
6.7 कार्यालय के जिन कर्मचारियों को अत्यावश्यकता के कारण राष्ट्रीय अवकाश के दिन काम पर बुलाया जाए, वे वित्तीय प्रतिकर के भुगतान के लिए पात्र नहीं हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें प्रतिपूरक छुट्टी दी जा सकती है।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 17.09.1965 का पत्र सं. ई (एल) 64/एचएलआई/12)
6.8 प्रादेशिक सेना में गए रेलवे के वे कर्मचारी, जिन्होंने प्रादेशिक सेना में ड्यूटी की अवधि के दौरान रेलवे के वेतन और भत्ते पाने के लिए विकल्प दिया हो, उन्हें उस अवधि के दौरान राष्ट्रीय अवकाश के दिन उपस्थिति के बदले यथा लागू और प्रचलित दरों पर वित्तीय प्रतिकर का भुगतान किया जाए।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 29.09.1973 का पत्र सं. ई (एमएल) 72/ एमएल 3/23)
6.9 राष्ट्रीय अवकाश भत्ता राष्ट्रीय अवकाश पर लाइन ड्यूटी पर बुक किए गए कमचारियों को इस तथ्य को ध्यान में रखे बिना दिया जाना चाहिए कि कर्मचरियों को यात्रा भत्ता/महंगाई भत्ता दिया जाता है अथवा नहीं।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 11.07.1996 का पत्र सं. ई (पी एण्ड ए)।-96/जेसीएम/डीसी-4)
6.10 राष्ट्रीय अवकाश भत्ते के बदले प्रतिपूरक विश्राम देने के बजाय गैंग के 50% कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय अवकाश भत्ता लागू किया जाए।
(संदर्भ: बोर्ड के दिनांक 10.09.1996 का पत्र सं. ई (पी एण्ड ए)।-96/एफई-2/3)
6.11
(i) यह नियम/प्रावधान राजपत्रित कर्मचारियों के लिए लागू नहीं है।
(ii) जब कर्मचारी विश्राम पर हो तो भी नकद प्रतिकर देय है। यह आवश्यक नहीं है कि नकद प्रतिकर के लिए पात्र होने के लिए उसके विश्राम को रद्द कर दिया जाए।
(iii) नकद प्रतिकर केवल उसके लिए है जो सार्वजनिक अवकाश का लाभ नहीं उठाते हैं और वे राष्ट्रीय अवकाश के दिन भी कार्य करना चाहते हैं।
(iv) कार्यालय कर्मचारी जो सार्वजनिक अवकाश के लिए पात्र हैं, वे केवल राष्ट्रीय अवकाश के दिन उपस्थित होने के कारण अतिरिक्त भुगतान के लिए पात्र नहीं होंगे।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 22.12.1998 का पत्र सं. ई (पी एण्ड ए)।-98/एचएल/1 और आईआरईसी वाल्यूम ।। का नियम 1424)
6.12 लाइन कर्मचारी, जिन्हें कार्य की अनिवार्यता के कारण छुट्टी प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, वे राष्ट्रीय अवकाश के दिन उपस्थित रहने के मामले के रूप में उसके बदले वित्तीय प्रतिकर के पात्र होंगे।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 23.12.1978 का पत्र सं. ई (एलआर) III/78/एचएल 1/4 और दिनांक 28.12.1988 का पत्र सं. ई (एलआर) III/86/एचएलआई/4)
प्रशासनिक कार्यालयों में लिपिकीय प्रकृति के काम में लगे रेल कर्मचारियों को एक कैलेंडर वर्ष में दो दिन का प्रतिबंधित अवकाश स्वीकार्य है। इस प्रयोजन के लिए, प्रत्येक रेलवे प्रशासन दद्वारा प्रतिबंधित छुट्टियों की एक सूची बनाई जाए, जिसमें स्थानीय महत्व के त्यौहारों और अल्पसंख्यक समुदायों के पवित्र त्यौहारों को समुचित महत्व दिया जाए। ऐसा करते समय, किसी दिन विशेष को इस आधार पर प्रतिबंधित छुट्टियों की सूची में शामिल करने के लिए कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखा जाए कि यह महत्वपूर्ण त्यौहार है। ऐसा अवसर है जिसे बहुत बड़ी संख्या में लोग मनते हैं।
(संदर्भ: बोर्ड का 30.12.1959 का पत्र सं. ई (एल) 59 एचएल 1/17, दिनांक 7.1.1960 का पत्र सं.ई (एल) 59 एचएल 1/17 और दिनांक 21.8.1967 का पत्र सं. ई (एल) 67 एचएल 1/11 और 2.2.1961 का पत्र सं.ई (एल) 59 एचएल आई/17)
7.1 ऊपर पैरा 7 में उल्लिखित कोटि का प्रत्येक रेल कर्मचारी प्रतिबंधित छुट्टियों के संबंध में तैयार की गयी सूची में से एक वर्ष में कोई दो छुट्टियों, जो स्वयं उसके द्वारा चुनी जाएंगी, लेने का पात्र है। साधारणतया, प्रत्येक रेल कर्मचारी को एक वर्ष में दो प्रतिबंधित छुट्टियां लेने की अनुमति होगी, किन्तु यदि सेवा की तात्कालिकता के कारण उसे ये छुट्टियां दे पाना संभव न हो तो यह अनिवार्य नहीं है कि एक वर्ष में उसे दो प्रतिबंधित छुट्टियां दी ही जाएं। अतः यदि किसी रेल कर्मचारी को उसके विकल्प के बावजूद प्रतिबंधित छुट्टी लेने की अनुमति नहीं दी जाती, तो उसके बदले में उसे कोई प्रतिपूरक अवकाश देने का प्रश्न नही उठता।
संदर्भ: बोर्ड का 7.1.60 का पत्र सं.ई (एल) 59/ एचएल/17 और 17.09.1965 का ई (एल) 64/एचएल1/12)
अति गणमान्य व्यक्तियों की मृत्यु पर कार्यालयों तथा औद्योगिक स्थापनाओं को निम्नानुसार बंद रखा जाएगा :-
गणमान्य व्यक्ति कार्यालय का बंद किया जाना
(i) राष्ट्रपति
(i) जिस दिन मृत्यु हो, उस दिन देशभर में केन्द्र सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे
(ii) अन्त्येष्टि के दिन, देश भर में केन्द्र सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे, और
(iii) जिस जगह अन्त्येष्टि की जानी हो, वहां पर रेलवे के कारखाने अन्त्येष्टि वाले दिन बंद रहेंगे।
जिस जगह अन्योष्टि की जानी हो, वहां यदि उस दिन पहले ही सार्वजनिक अवकाश न हो, तो सरकार द्वारा परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के तहत सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाएगा।
(ii) प्रधानमंत्री
जिस दिन मृत्यु हुई हो, उस दिन एवं अन्त्येष्टि वाले दिन देश भर में केन्द्र सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 08.01.1998 का पत्र सं.ई (एलआर) III/90/एचएल 1-5)
8.1 गणमान्य व्यक्तियों के निधन पर, परक्राम्य लिखत अधिनियम के अन्तर्गत घोषित अवकाश रेलों की औद्योगिक स्थापनाओं पर तब तक लागू नहीं होंगे, जब तक कि इस बात का अन्यथा विशेष रूप उल्लेख न किया गया हो।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 26.7.1991 का पत्र सं.ई (एलआर) III/91 एचएल 1-2)
8.2 अन्य सम्बद्ध अनुदेशों का विवरण नीचे दिया गया है:-
(i) राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की मृत्यु की खबर प्राप्त होने पर, गृह मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय मंत्रालयों तथा विभागों, राज्य सरकारों, आदि को सूचित किया जाएगा। आकाशवाणी से भी इस संबंध में घोषणा की जाएगी। गृह मंत्रालय या आकाशवाणी के माध्यम से सूचना प्राप्त होते ही, जो भी पहले हो, पूरे भारत में कार्यालय प्रमुख अपने-अपने कार्यालय बंद करने की व्यवस्था करेंगे।
(ii) यदि राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की मृत्यु का समाचार कार्यालय समय के बाद प्राप्त होता है, तो भारत भर में केन्द्र सरकार के कार्यालय अगले दिन बंद रहेंगे, बशर्ते कि वह दिन अन्यथा कार्यदिवस हो।
(iii) यदि राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की मृत्यु का समाचार कार्यालय समय के दौरान दोपहर बाद काफी देर से प्राप्त होता है, तो उस दिन कार्यालय शेष समय के लिए बंद कर दिए जाएंगे, लेकिन यदि कार्यालय तीन घंटे से अधिक समय के लिए बंद रखना संभव न हो, तो गृह मंत्रालय द्वारा अनुदेश जारी किए जा सकते हैं कि कार्यालय अगले दिन भी बंद रहेंगे, बशर्ते कि वह दिन अन्यथा कार्य दिवस हो।
(iv) राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की मृत्यु के दिन, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों/प्रशासनों के कार्यालयों और औद्योगिक स्थापनाओं द्वारा उपर्युक्त अनुदेशों का पालन किया जाएगा। केंद्र सरकार में किसी अन्य गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु होने पर इन कार्यालयों को बंद करने की आवश्यकता नहीं है।
(v) किसी केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासक या मुख्यमंत्री अथवा किसी अन्य मंत्री की मृत्यु होने पर, उस केन्द्र शासित प्रदेश में रेल प्रशासन के कार्यालय बंद नहीं किए जाएंगे।
(संदर्भ: बोर्ड का 29.5.1972 का पत्र सं.ई (एलयू) 72 एचएल 1/7)
8.3 विशेष अवसरों, यथा गणमान्य व्यक्तियों की मृत्यु, राष्ट्रीय नेताओं की जन्म शताब्दी आदि के अवसर पर घोषित अवकाश नियमित छुट्टी से पहले या बाद में जोड़े जा सकते हैं। ये छुट्टियां आकस्मिक छुट्टी के साथ भी जोड़ी जा सकती हैं और यदि ये आकस्मिक छुट्टी के बीच में पड़े तो उन्हें आकस्मिक छुट्टी नही माना जाएगा।
(संदर्भ: बोर्ड का 19.9.1966 का पत्र सं.ई (एल) 66 एचएल 1/9)
जब किसी उच्चाधिकारी की मृत्यु हो जाने पर किसी कार्यालय को बंद किया जाता है, तो उस कार्यालय में दिहाड़ी पर कार्यरत कर्मचारी, जिसे महीने में एक बार भुगतान किया जाता हो, को उस दिन की अथवा उस दिन के एक भाग की मजदूरी का भुगतान किया जाए, जिस दिन कि कार्यालय बंद रहा हो।
9.1 जब किसी उच्चाधिकारी की मृत्यु हो जाने पर किसी कार्यालय को बंद किया जाता है, तो उसमें नियोजित ऐसे रेल कर्मचारियों को, जिन्हें तात्कालिक कार्य करने के लिए डयूटी पर रखा गया हो, संगत नियमों या आदेशों के तहत उसी तरह प्रतिपूरित किया जाए, जैसे उन्हें बंद अवकाश के दिन समयोपरि पर रखा जाता हो।
9.2 किसी गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु के कारण जिस दिन रेल कारखाना बंद रखा गया हो रेल कारखानों को राष्ट्रपति के अतिरिक्त किसी अन्य उच्चाधिकारी की मृत्यु पर बंद नहीं रखा जाएगा और उन्हें केवल अंत्येष्टि वाले दिन उसी स्थान पर बंद रखा जाएगा जहां अंत्येष्टि की जाएगी उस दिन को उस कारखाने में सवेतन अवकाश के रूप में माना जाए और उस कारखाने के कर्मचारियों को उस दिन की मजदूरी तथा समयोपरि, यदि कोई हो, के भुगतान को तदनुसार विनियमित किया जाए।
9.3 जो लाइन कर्मचारी उस दिन डयूटी पर हों, उन्हें कोई प्रतिपूर्ति देय नहीं है। (संदर्भः बोर्ड का 4.9.1973 का पत्र सं. ई (एलयू) 72/एचसीआई/7)
10 क्षेत्रीय रेलों में बिना-भुगतान की छुट्टियों संबंधी प्रणाली, जहां-कहीं विद्यमान है, को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है।
(संदर्भः बोर्ड का 29.07.2019 का पत्र सं.ई (जी) 2016/ईएम1-22)
लोक सभा या राज्य विधान सभा के आम चुनावों के संबंध में, यदि मतदान रविवार या अन्य बंद अवकाश से भिन्न किसी अन्य दिन हो तो उस दिन राज्य सरकार द्वारा आम तौर पर स्थानीय अवकाश घोषित किया जाता है। जब इस तरह का अवकाश घोषित किया जाए, तो राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई परिपाटी के अनुसार, ऐसे स्थानों पर स्थित केन्द्र सरकार के कार्यालय भी मतदान के दिन बंद रखे जाएं।
11.1 कुछ मामलों में, ऐसा भी हो सकता है कि किसी निर्वाचन क्षेत्र विशेष में रहने वाला और मतदाता के रूप में पंजीकृत कोई रेल कर्मचारी किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में स्थित कार्यालय में नियुक्त हो। ऐसी हालत में, जिस कार्यालय में वह कार्यरत हो, मतदान के दिन यदि वह बंद न हो, तो उस रेल कर्मचारी को विशेष आकस्मिक छुट्टी दी जाए, ताकि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
11.2 लोकसभा के उप-चुनाव के अवसर पर, यदि चुनाव रविवार या बन्द अवकाश से भिन्न किसी अन्य दिन हो, तो राज्य सरकार आम तौर पर उस इलाके/निर्वाचन क्षेत्र विशेष में मतदान के दिन स्थानीय अवकाश घोषित करती है। राज्य सरकार की पद्धति का अनुसरण करते हुए, उस इलाके/निर्वाचन क्षेत्र विशेष में स्थित केन्द्र सरकार के कार्यालय भी मतदान के दिन बंद रखे जाएंगे। ऊपर पैरा 9.2 में उल्लिखित के अनुसार अलग-अलग रेल कर्मचारियों को समान स्थिति होने पर, विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जाए।
11.3 राज्य विधान सभा के उप-चुनाव के अवसर पर, संबंधित राज्य में केन्द्र सरकार के कार्यालय बंद न किए जाएं। मतदान के दिन केवल उन्ही रेल कर्मचारियों को अपनी सामान्य ड्यूटी पर न आने की अनुमति दी जाए, जो चुनाव ड्यूटी पर हों। अन्य सभी रेल कर्मचारियों को, जो मतदाता हों, मतदान के दिन अपने मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा प्रदान की जाए। सेवा की अत्यावश्यकता को ध्यान में रखते हुए, यह सुविधा उन्हें कार्यालय देर से आने या कार्यालय से जल्दी जाने या दिन में थोड़ी देर के लिए कार्यालय से अनुपस्थित रहने की अनुमति दी जा सकती है।
11.4 पंचायत/निगम/नगर पालिका या अन्य स्थानीय निकायों के चुनावों को दौरान, केन्द्र सरकार के कार्यालय बंद नही रहेंगे। जो रेल कर्मचारी सदाशायी मतदाता हों और अपने मताधिकार का प्रयोग करने के इच्छुक हों, उन्हें सेवा की सामान्य अत्यावश्यकताओं के अध्यधीन, ऐसा करने के लिए समुचित सुविधा प्रदान की जाए।
(संदर्भ: बोर्ड का 19.10.64 का पत्र सं.ई (एल) 64/एचएल/1/1 तथा 21.4.87 का स.ई (जी) 86/ईएल-1/1)
दिहाड़ी के आधार पर नियुक्त नैमित्तिक श्रमिक तीन राष्ट्रीय छुट्टियों के हकदार हैं, बशर्ते कि वे राष्ट्रीय अवकाश से पहले के दिन और साथ ही राष्ट्रीय अवकाश से पहले के दिन और साथ ही राष्ट्रीय अवकाश के अगले दिन सेवा में हों। यदि अगला दिन उनके आवधिक विश्राम का दिन हो, तो वे उससे अगले कार्य दिवस को सेवा में होने चाहिए। राष्ट्रीय छुट्टियों को सवेतन छुट्टियां माना जाए।
(संदर्भ: बोर्ड का 17.1.1964 का पत्र सं. ई (एल) 62 एचएल 1/3)
12.1 यदि किसी नैमित्तिक श्रमिक के आवधिक विश्राम वाले दिन राष्ट्रीय छुट्टी पड़ती हो, तो वे राष्ट्रीय छुट्टियों के बदले अतिरिक्त छुट्टियों के हकदार हैं। यदि इस तरह वैकल्पिक छुट्टियां न दी जा सकें, तो वे उस दिन की अतिरिक्त मजदूरी के हकदार होंगे।
(संदर्भ: बोर्ड का 30.12.1966 का पत्र सं. ई (एल) 66 एचएल 1/12)
12.2 जिन नैमित्तिक श्रमिकों ने अस्थायी ओहदा प्राप्त कर लिया हो और तीन राष्ट्रीय छुट्टियों के हकदार हों, वे 1.1.1980 से एक कैलेंडर वर्ष में 9 छुट्टियों (जिनमें तीन राष्ट्रीय छुट्टियां शामिल है) के हकदार हैं।
(संदर्भ: बोर्ड का 22.05.1979 और 23.2.1980 का पत्र सं. ई (एल आर) III 78/ एचएल 1/4)
12.3 परियोजनाओं में नियोजित वे मैमित्तिक श्रमिक, जिन्हें मासिक दर पर नियुक्त कर्मचारी समझा जाता है ओर जिन्हें वेतनमान के न्यूनतम पर वेतन तथा उस पर महंगाई भत्ते की दर से समेकित मजदूरी दी जाती है, 180 दिन की निरंतर सेवा पूरी कर लेने पर वे चालू लाइन नैमित्तिक श्रमिकों की ही तरह एक कैलेंडर वर्ष में 9 छुट्टियां (जिनमें तीन राष्ट्रीय छुट्टियां शामिल हैं) के हकदार हैं। (संदर्भ: बोर्ड का 6.6.1983 का पत्र सं. ई (एन जी) 11/82/ एलजी- 5/4)
अवकाश के दिनों को नियमित छुट्टी के साथ जोड़ा जा सकता है, अर्थात इन्हें छुट्टी से पहले और/या छुट्टी के बाद जोड़ा जा सकता है।
13.1 हालांकि प्रतिबंधित अवकाश, “अवकाश दिन” शब्द की परिभाषा (पैरा 2 देखें) के अन्तर्गत बंद अवकाश नहीं है, तो भी अन्य अवकाश दिनों के साथ जोड़ने के उद्देश्य से और नियमित छुट्टी एवं आकस्मिक छुट्टी से पहले या बाद में जोड़ने के प्रयोजन के लिए जब भी यह लिया जाए, तो इसे सार्वजनिक अवकाश माना जाएगा। यदि किसी रेल कर्मचारी द्वारा दी गई आकस्मिक छुट्टियों के बीच में प्रतिबंध अवकाश पड़ता है, तो उस प्रतिबंधित अवकाश को आकस्मिक छुट्टी नहीं गिना जाएगा।
(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 24.08.1960 का पत्र सं.पीसी. 60/एलई 7/1)
(ii) जब तक अन्यथा विनिर्दिष्ट न हो, इस परिपत्र में उल्लिखित मूल परिपत्रों में अन्तर्विष्ट अनुदेश केवल भविष्य प्रभावी हैं;
(iii) यदि इस विषय से संबंधित कोई परिपत्र, जिसका अधिक्रमण न किया गया हो इस मास्टर परिपत्र को तैयार करते समय भूल से रह गया हो, तो भूल से छूट गए उस परिपत्र की अनदेखी न की जाए, बल्कि उसे वैध और लागू माना जाए।
(निर्मला उषा तिरकी)
उप निदेशक, स्थापना (एलआर)-II,
रेलवे बोर्ड
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