एसएलआर बोगी में होगा अब आरपीएफ का दखल, चोरी पर लगेगी लगाम

April 29, 2019, 11:12 AM
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रेलवे द्वारा लीज पर दी गई एसएलआर यानी पार्सल बोगियों में अब चोरी नहीं होगी, क्योंकि इन बोगियों में सीधे आरपीएफ का दखल होगा, उनकी नजर रहेगी। इससे पहले आरपीएफ एसएलआर बोगी में चोरी की घटनाओं का न तो अपराध दर्ज करती थी और न ही मामले की जांच करती थी। इस कारण चोरों के हौसले बुलंद थे। चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए रेलवे सुरक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि आरपीएफ एसएलआर बोगियों में चोरी होने पर घटना का अपराध दर्ज कर मामले की जांच कर सकेगी। जरूरत पड़ने पर आरपीएफ एसएलआर बोगी के पार्सल की भी जांच करेगी।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में करीब 16 गाड़ियों में एसएलआर बोगी लगी है। करीब चार माह पहले छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में पीछे लगी एसएलआर बोगी में झांसी-मुरैना के बीच चोरी हुई थी। कई अन्य एसएलआर कोच में चोरी हो चुकी है। आरपीएफ के पास चोरी का अपराध दर्ज करने का अधिकार नहीं था। इसलिए आरपीएफ ध्यान नहीं देती थी।

रायपुर स्टेशन में पार्सल से 45 लाख का राजस्व

रायपुर रेलवे स्टेशन के पार्सल कार्यालय से एक माह में करीब 45 लाख रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है। यहां पार्सल भेजने के लिए अक्सर पब्लिक की भीड़ लगी रहती है। यात्री का सामान तय स्टेशन से पहले पहुंचने पर यात्री के मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाता है। इससे यात्री स्टेशन जाकर कार्यालय से पार्सल ले लेते हैं। लेकिन अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं कि रेलवे द्वारा बुक किए गए सामान एक स्टेशन पहले उतार दिया जाता है या फिर एक स्टेशन बाद में उतारते हैं। इससे पब्लिक को भटकना पड़ता है। वहीं रेलवे के अधिकारी ने बताया कि पार्सल बोगी को लीज पर लेने वाले ठेकेदार के कर्मचारी स्टेशन स्थित पार्सल कार्यालय के पास तैनात रहते हैं। ठेकेदार के कर्मचारी ही सामान बुक कर सकते हैं।

लीज पर लेने वाले ठेकेदार तय करेंगे किराया

पार्सल बोगी का किराया ठेका कंपनी द्वारा तय किया जाता है। ठेकेदार मनमाना पैसा वसूल सकता है। जरूरतमंद पब्लिक मजबूरी में ठेकेदार द्वारा तय राशि का भुगतान करना पड़ता है। वर्तमान में रायपुर मंडल से चलने वाली दुर्ग-जयपुर एक्सप्रेस और रायपुर-बिलासपुर पैसेंजर आदि ट्रेन की पार्सल बोगी वर्तमान में लीज पर दी गई है।

वर्जन

रेलवे द्वारा लीज पर दी जाने वाली एलएसआर बोगियों में चोरी की घटनाएं घटित हो रही थीं, आरपीएफ को अपराध दर्ज करने का अधिकार नहीं था, लेकिन आदेश जारी हो गया है। आरपीएफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच कर सकेगी।- आरएस चौहान, आइजी सह मुख्य सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर

Source – Nai Duniya

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