जानें- रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के बारे में

November 26, 2021, 5:20 PM
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देश के सबसे अहम मंत्रालयों में से एक रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी एक पूर्व आएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव को दी गई है। अश्विनी वैष्णव को रेल के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है। पूर्व नौकरशाह अश्विनी वैष्णव ने मंत्री पद की शपथ ली थी। हम आपको बताते हैं कि आखिरकार कौन हैं देश के नये रेल मंत्री ?

राजस्थान के जोधपुर में पैदा हुए 51 वर्षीय वैष्णव 1994 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रहे हैं। आईएएस अधिकारी रहते हुए उन्होंने 15 सालों तक कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं।


आईएएस अधिकारी वैष्णव को सबसे पहले बालासोर का डीएम बनाया गया था। वह नवीन पटनायक के करीबी और पसंदीदा अधिकारियों में से एक थे। इसलिए जब वह सीएम बने तो उन्हें सबसे पहले ओडिशा के महत्वपूर्ण शहर कटक का कलेक्टर बनाया गया था। यहां उन्होंने कई बदलाव किए, जिसमें कानून-व्यवस्था दुरुस्त करना भी शामिल है।
अश्विनी वैष्णव ने आईएएस अधिकारी रहते हुए कई शानदार काम किए थे, जिसमें से एक ओडिशा के बालासोर में आए समुद्री तूफान के दौरान राहत पहुंचाना भी शामिल था। वो यहीं से चर्चा में आए थे। इसके बाद उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया था।वहीं प्रधानमंत्री पद से वाजपेयी के हटने के बाद भी वैष्णव उनके निजी सचिव रहे, बताया जाता है कि वाजपेयी के साथ रहने के दौरान से ही वैष्णव को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जानते थे. उनके रिश्ते बाद में और अच्छे होते गए. अपनी कैबिनेट में सरकारी कार्य में माहिर अनुभवी व्यक्ति की जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपने कैबिनेट में जगह दी
आईआईटी ग्रैजुएट वैष्णव ने साल 2008 में नौकरी छोड़ दी और वह अमेरिका के वॉर्टन यूनिवर्सिटी चले गए जहां से उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की। कई जानी-मानी कंपनियों में काम करने के बाद वह देश वापस लौटे और गुजरात में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोली। इसके बाद उन्होंने जनरल इलेक्ट्रिक और सिमेन्स जैसी कंपनियों में भी शीर्ष पदों पर काम किया।
अश्विनी वैष्णव को सबसे ज्यादा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी फ्रेमवर्क में उनके अहम योगदान के लिए ही जाना जाता है।
वैष्णव 28 जून, 2019 को हुए राज्यसभा चुनाव से सिर्फ छह दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे।
वैष्णव की एंट्री कैबिनेट में ऐसे समय में हुई है जब भारती रेलवे की आमदनी को बढ़ाए जाने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है। रेलवे के विकास के लिए भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के लिए रास्ते खोलने पर विचार किया जा रहा था
Source – Information Center 
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