रेलवे के इन कर्मियों के बदले नाम, जानिए क्या हो गई नई पोस्ट

January 19, 2019, 3:57 PM
Share

भारतीय रेलवे ने अपने ग्रुप D के कर्मचारियों के पदों के नामों में बड़े पैमाने पर बदलाव किया है. रेल कर्मचारी लम्बे समय समय से इस तरह के बदलाव की मांग कर रहे थे. रेलवे ने इस बदलाव के तहत अब तक वर्कशाॅप में काम करने वाले ग्रुप डी के कर्मचारियों को हेल्पर की जगह अब असिस्टमेंट वर्कशॉप का पद नाम दिया है. वहीं कैरेज एंड वैगेन, लोको शेड, सिग्नल एंड टेलिकॉम, स्टोर, आदि जगहों पर काम करने वाले हेल्पर के पदों के आगे असिस्टेंट लगा दिया है.

मानी गई एक और मांग
भारतीय रेल ने कर्मचारी संगठनों की बेहद पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए गार्ड, लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को मिल रहे रनिंग भत्ते को दो गुने से अधिक करने का निर्णय लिया है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इससे सालाना भत्ते पर 1,225 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा तथा परिचालन अनुपात 2.50 प्रतिशत बढ़ जाएगा.

railway

दो गुना बढ़ा भत्ता
रेल परिचालन में मदद करने वाले लोको पायलट, सहायक लोको पायलट तथा गार्ड को रेलवे का ‘रनिंग स्टॉफ’ कहा जाता है. अभी तक इन्हें प्रति सौ किलोमीटर चलने पर करीब 255 रुपये की दर से ‘रनिंग भत्ता’ दिया जाता है.इसे अब बढ़ाकर करीब 520 रुपये कर दिया गया है.

बढ़ेगा आर्थिक बोझ
सूत्रों के अनुसार इस वृद्धि से भत्तों का खर्च अभी के करीब 1,150 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 2,375 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा. संशोधित दरों को अब मंजूरी के लिये वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. उसने कहा, ‘‘रनिंग कर्मचारी पिछले चार साल से भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इससे पहले अन्य कर्मचारियों का भत्ता एक जुलाई 2017 को ही बढ़ा दिया गया था लेकिन रनिंग कर्मचारियों की मांग लंबित थी. यह रेलवे द्वारा अपने कर्मचारियों को दिया गया नववर्ष का तोहफा है. हालांकि, यह रेलवे के लिये बड़ा बोझ होगा क्योंकि इससे परिचालन लागत करीब 2.50 प्रतिशत बढ़ जाएगी.’

Share

This entry was posted in 2 Railway Employee, Service Matter, Railway Employee Tags: , , ,