रेलवे कर्मचारी ने कराई सेक्स चेंज सर्जरी, आया पहचान का संकट

November 20, 2021, 8:04 PM
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रेलवे के एक कर्मचारी ने साल 2017 में अपनी सेक्स चेंज सर्जरी करवाई। सर्जरी करवाने के बाद वह अपने असली रूप में तो आ गया लेकिन अब उसे रेलवे में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी के पुराने रेलवे रिकॉर्ड और पहचान उसे एक आदमी के रूप में दिखाते हैं जिससे उन्हें नई पहचान के साथ आधिकारिक काम करने में कठनाई का सामना करना पड़ता है।

बरेली के इज्जत नगर में रेलवे तकनीशियन के रूप में कार्य कर रहे राजेश पांडे ने रेलवे से मांग की है कि उसके रिकॉर्ड में उसका नाम राजेश से सोनिया पांडे करा जाए और उसे पुरुष से महिला के रूप में रिकॉर्ड में दिखाया जाए। उसने इस मामले में पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक कार्यलय गौरखपुर में संपर्क किया है।

कर्मचारी के अनुरोध पर रेलवे के अधिकारियों ने उसका आवेदन उच्च रेलवे अधिकारियों को भेज दिया है। रेलवे में यह पहला मामला है जब किसी कर्मचारी ने इस प्रकार की मांग रेलवे के सामने रखी है।

पांडे उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के निवासी हैं। उन्होंने सबसे पहले इज्जतनगर में रेलवे अधिकारियों से अपनी परेशानी बताई लेकिन वहां से कुछ समाधान नहीं हुआ। इसके बाद उसने एनएआर जीएम गौरखपुर के सामने अपना केस रखा। इस पूरे मामले पर एनएआर गौरखपुर के पीआर अधिकारी सीपी चौहान ने कहा कि यह एक तकनीकी समस्या है। हम इसके सभी कानूनी पहलुओं के तरफ देख रहे हैं।

पांडे,4 बहनों के अकेले भाई थे। साल 2003 में उनके पिता की मृत्यु के बाद उनको रेलवे में जॉब मिली। पांडे ने सेक्स चेंज सर्जरी से पहले एक महिला से शादी भी की। लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद उनका तलाक हो गया। पांडे ने हिन्दुस्तान टाइम से बात करते हुए बताया कि वह अपने शरीर को एक पुरूष के रूप में सहज नहीं पाते थे। सर्जरी के बाद पांडे, सोनिया पांडे बनकर एक महिला के तौर पर साड़ी पहन कर ऑफिस जाते हैं।

पांडे ने बताया कि जैसे-जैसे वह बड़े हुए उन्हें लगने लगा कि उनकी आत्मा एक गलत शरीर में प्रवेश कर गई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विचार मेरे मन में आते और मैं महिलाओं की तरह से मेकअप करने लग जाता। परिवार वालों ने शादी के लिए काफी दवाब बनाया। मैंने शादी के बाद अपनी पत्नी को सच बताया। हम दोनों आपसी सहमती से अलग हो गए।

उन्होंने कहा कि एक पुरूष के रूप में मैं काफी तनाव में रह रहा था। मैं अंदर से काफी कमजोर हो गया और मेरे मन में अक्सर आत्महत्या करने के विचार आते थे। फिर किसी ने मुझे सेक्स चेंज सर्जरी के बारे में बताया। इससे मुझे एक आशा की किरण दिखाई दी। मेरी बहनों और मां ने मेरे इस फैसले का विरोध किया लेकिन हर रोज तनाव में रहना मेरे लिए मुश्किल हो गया था। सर्जरी के 2 साल बाद अब हालात सामान्य होने लगे हैं।

उन्होंने आगे बताया कि मुझे नौकरी में पुरानी पहचान के साथ काम करने में परेशानी हो रही है। मुझे पहचान के संकट से गुजरना पड़ता है। मैंने रेलवे अधिकारियों स अपील की है कि वह मेरे रिकॉर्ड में मेरा नाम का परिवर्तन कर दे। मैं इस लड़ाई को रेलवे बोर्ड तक ले जाने के लिए तैयार हूं। इस सर्जरी के बाद होने वाले सामाजिक व्यवहार पर उन्होंने कहा कि शुरू में मेरे साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने मुझसे दूरी बना ली लेकिन बाद में सभी ने मुझसे मिलना शुरू कर दिया और चीजे सामान्य होने लगी।

पांडे ने कहा कि सबसे ज्यादा आत्मविश्वास मुझे इस बात से हुआ कि मैं अकेला नहीं हूं जो इस परेशानी से गुजरा हो या जिसने अपनी सेक्स चेंज सर्जरी करवाई हो। दिल्ली, मुंबई जैसे अन्य महानगरों में ऐसे कई लोग है जिन्होंने यह सर्जरी करके अपना सेक्स चेंज करवाया हैं। ये लोग मेरे तरह से अपनी शरीर में सहज नहीं थे।

Source – Hindustan Times

   
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