रेलवे का बड़ा एलान, …तो ट्रेन और स्‍टेशन पर फ्री होगा खाना और अन्‍य सामान

July 19, 2019, 10:51 AM
Share

भारतीय रेल को अगर हिंदुस्‍तान के लोगों की लाइफलाइन कहें, तो गलत नहीं होगा। रोजाना लाखों लोग ट्रेन में सफर करते हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने ट्रेनों में मिलने वाली सुविधाओं और साफ-सफाई पर विशेष ध्‍यान दिया है। भारतीय रेलवे ने कई बड़े बदलाव किए हैं, जिनका यात्रियों को सीधा फायदा पहुंचा है। अब रेल मंत्रालय ने ट्रेन और स्‍टेशनों पर सामान बेचने वालों पर नकेल कसने का फैसला किया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया है, जिसमें उन्‍होंने कहा कि अगर कोई सामान बेचने वाला आपको बिल नहीं देता है, तो उसके पैसे देने की भी जरूरत नहीं है। वो सामान आपके लिए फ्री होगा।

ट्रेन में सफर करने वाले लाखों लोगों के लिए रेल मंत्रालय द्वारा लिया गया, ये एक बड़ा फैसला किया है। रेलवे ने ‘नो बिल, नो पेमेंट’ की नीति गुरुवार को पूरी तरह से सभी स्टेशनों और ट्रेनों में लागू कर दी है। इसके तहत स्टेशन या ट्रेन में सामान बेचने वाला कोई वेंडर आपको बिल नहीं देता है, तो खरीदा गया सामान पूरी तरह मुफ्त होगा। इससे सही दाम पर यात्रियों को सामान मिलेगा और भ्रष्‍टाचार पर लगाम लगेगी। अगर सख्‍ती से लागू होता है, तो मोदी सरकार का ये कदम काबिले तारीफ है।

पीयूष गोयल ने इस योजना को अच्‍छी तरह से समझाने के लिए एक वीडियो भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। रेल मंत्री ने लिखा, ‘रेलवे द्वारा No Bill, No Payment की नीति अपनाते हुए विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को बिल देना अनिवार्य किया गया है। ट्रेन अथवा रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर यदि कोई विक्रेता आपको बिल देने से इंकार करता है तो आपको उसे पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।’

ट्रेन और प्‍लेटफॉर्मों पर आए दिन वेंडरों की मनमानी की शिकायतें मिलती रहती हैं। आमतौर पर वेंडर पानी की बोतलों की कीमत से ज्यादा पैसे वसूलते थे और खाद्य सामग्री को लेकर कई जगह कोई तय कीमत नहीं होती थी। हालांकि, रेलवे की सख्ती के बाद अब वेंडरों को 5 रुपये की चीज का भी बिल देना पड़ेगा और पारदर्शिता आएगी। इसका सीधा फायदा रोजाना ट्रेन में सफर करने वाले लाखों लोगों को होगा।

आमतौर पर लोगों को पता ही नहीं होता है कि वे जिन चीजों को खरीद रहे हैं, उसका असल में दाम कितना है। आपने कभी न कभी ट्रेन में सफर जरूर किया होगा। इस दौरान आपने चाय भी पी होगी। इस एक कम चाय की कीमत वेंडर आमतौर पर 10 रुपये वसूलते हैं। हालांकि, इसकी असली कीमत 7 रुपये है। लोगों की जानकारी नहीं होती और वेंडर भी यात्रियों को बिल नहीं देता, इसलिए ये खेल चलता रहता है। अब अनुमान लगाइए कि एक कप चाय पर तीन रुपये ज्‍यादा लिए जा रहे हैं, तो प्रतिदिन सिर्फ चाय से कितने लाख रुपये का भ्रष्‍टाचार हो रहा है। अगर खाने की अन्‍य चीजों का भी हिसाब लगाए, तो ये गोरखधंधा करोड़ों रुपये का बैठेगा। रेल मंत्रालय ने रोजाना होने वाले करोड़ों रुपये के इसी भ्रष्‍टाचार को रोकने के लिए ‘नो बिल, नो पेमेंट’ की नीति शुरू की है।

Source – Jagran

   
Disclaimer: The Information /News /Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.
Share

This entry was posted in 2 Railway Employee, Railway Employee