रेलवे के विकास की अधूरी बैठक… 29 में से सिर्फ 12 सदस्य ही पहुंचे

December 13, 2019, 9:05 AM
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रेलवे ने गुरुवार को मंडल रेल प्रंबधक ऑफिस में मंडल रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (डीआरयूसीसी) की बैठका का आयोजन किया। लेकिन बैठक हर बार की तरह महज खानापूर्ती बनकर रह गई। ऐसा इसलिए क्योंकि गुरुवार को इस बैठक में 29 सदस्यों को स्टेशनों व यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं और समस्याओं को उठाना था। लेकिन इनमें से सिर्फ 12 ही सदस्य बैठक में मौजूद रहे। रेलवे ने भी खानापूर्ति करने के लिए 12 सदस्यों से सुझाव लेकर दो घंटे में बैठक का समापन कर दिया। गौरतलब है कि डीआरयूसीसी कमेटी का कार्यकाल दो वर्ष का होता है और रेलवे को कमेटी के साथ दो साल में चार बैठक करनी होती है। अक्टूबर 2017 में बनी इस कमेटी का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। रेलवे की इस बैठक का खर्चा 25 हजार रुपए से भी अधिक आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जयपुर में रहने वाले प्रत्येक सदस्य को 200 रुपए मीटिंग अलाउंस, आने-जाने का खर्चा, नाश्ता और खाना दिया जाता है। तो वहीं जयपुर से बाहर रहने वाले सदस्यों को 300 रुपए, ट्रेन के एसी का पास, रुकने के लिए रेलवे रेस्ट हाउस और नाश्ता व खाना दिया जाता है। वहीं मीटिंग से जुड़ी स्टेशनरी व प्रोटोकॉल में तैनात रेलकर्मियों का भी खर्चा वहन किया जाता है। कमेटी में व्यापार संगठन, पैसेंजर एसोसिएशन, कंज्यूमर संगठन, हैंडीकैप्ड एसोसिएशन, जीएम द्वारा विशेष नामित सदस्य, रेलमंत्री व क्षेत्रीय सांसदों के प्रतिनिधियों को सदस्य नियुक्त किया जाता है।

Source – Dainik Bhaskar

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