– १४४ ट्रेनें प्रतिदिन दौड़ती हैं जबलपुर-सतना-बीना रेलखंड पर
– १९२ जोड़ी ट्रेनें साप्ताहिक, स्पेशल मिलाकर हो रहा है संचालन
– ०३ तीन जगह पर एनआइ वर्क होने से हल होगी बड़ी समस्या
– १० से बढक़र ५० किलोमीटर हो जाएगी ट्रेनों की रफ्तार
– ३ प्लेटफॉर्मों से हो जाएगी रेल लाइन की कनेक्टिीविटी
५० किमी रफ्तार बढ़ाने की यह योजना
बता दें कि एनआई वर्क से लाखों रेल यात्रियों को बड़ा फायदा होगा। अभी ट्रेन साउथ रेलवे स्टेशन से कटनी जंक्शन पहुंचने के लिए 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार हो जाती है। रेल अधिकारियों की मानें तो एनआई वर्क हो जाने से ट्रेनों की गति तीन गुना बढ़ जाएगी। 15 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार बढक़र 45 से 50 किलोमीटर हो जाएगी। वर्षों पुरानी समस्या से निजात मिल जाएगी। मेन लाइन न सिर्फ सीधी हो जाएगी बल्कि कटनी जंक्शन के प्लेटफॉर्मों की कनेक्टिविटी भी ठीक हो जाएगी, ताकि दोनों रूट की ट्रेनें आसानी से प्लेटफॉर्मों में ली जाए सकेंगी।
बहुत पुराना है डायमंड सिस्टम
रेल सूत्रों की मानें तो ए केबिन के पास बना रेलपांत का डायमंड सिस्टम अंग्रेजों के जमाने का है। बढ़ती तकनीक और आधुनिक दौर में उस सिस्टम के खराब होने वाले उपकरण भी आसानी से उपलब्ध नहीं होते। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम से इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को भी काफी दिक्कत होती है। इसके अलावा यहां पर ट्रेनों के मूवमेंट में फर्क पड़ता है, इसलिए रेल अफसरों ने यह निर्णय लिया है। अभी कटनी से साउथ रेलवे स्टेशन तक याने कि ए केबिन के पास ट्रेनें 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ही चलती हैं, जिससे काफी समय प्रभावित होता है।
यह भी है गंभीर परेशानी
जबलपुर की ओर से आने वाली गाडिय़ां प्लेट फार्म क्रमांक दो और तीन पर ही ली जाती हैं। यदि दो या तीन में कोई ट्रेन है तो फिर ट्रेनों को साउथ या फिर उसके पीछे रोककर रखा जाता है। एनआई वर्क हो जाने के बाद चार नंबर प्लेटफार्म से भी कनेक्टीविटी होने पर बड़ी राहत मिलेगी।
खास-खास:
– ए और बी केबिन को किया जाना है सेट्रलाइज, एक जगह से होगी मॉनीटरिंग, जिससे ट्रेनों के परिचालन में होनी है असानी
– स्टेशन के आउटर में ट्रेनों की रफ्तार धीमी होने के कारण होती हैं घटनाएं, एनआइ से दूर होगी समस्या।
– जबलपुर से प्लेटफॉर्म दो और तीन में आने वाली ट्रेनों के लिए पड़ता है अधिक घुमाव, जिससे रफ्तार हो जाती है कम।
– डाउन मेन लाइन 104 नंबर, अप लाइन में 102 नंबर पर होना है विशेष काम, 103, 104 पर भी होना था काम।
वर्जन
कटनी में डायमंड क्रॉसिंग को खत्म करने का बड़ा प्रोजेक्ट है। इसमें सैकड़ों करोड़ रुपए का खर्च है। अभी तो वहां ग्रेड सेप्रेटर बन रहा है। इस काम को कराने में ट्रेनों का परिचालन काफी प्रभावित भी होगा। नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से इसे ठीक कराने जल्द पहल की जाएगी।
विवेक शील, डीआरएम।