यह है यूपी का अनोखा रेलवे स्टेशन, यहां पहुंचते ही भक्तिमय हो जाते हैं यात्री

January 21, 2019, 4:41 PM
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कासगंज के धार्मिक स्थल सोरों के रेलवे स्टेशन की सूरत अब बदल गई है। यहां पहुंचते ही आप भक्तिमय हो जाएंगे। दरअसल, रेलवे स्टेशन को अब मंदिरनुमा बना दिया गया है। प्रवेश द्वार पर भगवान वराह की विशाल प्रतिमा लगाई है। बता दें कि सोरों उत्तर भारत की प्रमुख तीर्थस्थली है। यहां राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात के अलावा देश के विभिन्न राज्यों सहित प्रदेश के सुदूर इलाकों से प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। हरिपदी में गंगास्नान के बाद श्रद्धालु देव दर्शन करते हैं।

तीर्थनगरी की यूं तो अपनी अलग पहचान है, लेकिन यहां विकास की काफी जरूरत है। दो साल पहले तत्कालीन रेल महाप्रबंधक राजीव मिश्रा सोरों के रेलवे स्टेशन पर वार्षिक निरीक्षण को आए थे। उस समय जीएम ने रेलवे स्टेशन पर सुंदरीकरण की अपार संभावनाएं जताई थी। जीएम ने स्टेशन के प्रवेश द्वार को भगवान वराह के मंदिर स्वरूप बनाने की योजना बनाई थी।

तुलसीनगरी से प्रभावित जीएम निरीक्षण के एक सप्ताह बाद ही फिर सोरों आए और भगवान वराह मंदिर में दर्शन किए। इस बार उनके हाथ में रेलवे स्टेशन के मंदिरनुमा आकार का नक्शा था। श्रद्धालुओं से उन्होंने सलाह ली और रेलवे ने मंदिरनुमा प्रवेश द्वार के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू कर दिया। रेलवे के प्रयासों से तीर्थनगरी का स्टेशन आकर्षण का तीर्थनगरी का रेलवे स्टेशन श्रद्धालुओं के लिए दर्शनीय बन गया है।

रेलवे स्टेशन का स्वरूप एक करोड़ रुपये की लागत से बदला गया है। यहां यात्री विश्राम गृह, वेटिंग रूम, प्लेटफार्म को भी आकर्षण बनाया गया है। दीवारों पर लगे पत्थर की फिनिशिंग पर रंगरोगन का काम रेलवे ने लगभग पूरा कर लिया है। भगवान वराह की आकर्षक मूर्तियां और पानी के बीच लगा फुब्बारा स्टेशन को पर्यटक स्थल दर्शा रहा है। रेलवे के इस प्रयास पर पुरोहित भी गदगद हैं। स्टेशन के इस आकर्षण का दीदार श्रद्धालुओं को भी लुभाने लगा है।

अंकुर पाराशर ने कहा कि रेलवे के प्रयास इस बात का प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं कि रेलवे ने तीर्थनगरी के विकास को गति देने का काम किया है। स्टेशन काफी आकर्षक हो गया है। पीओरओ राजेंद्र सिंह ने बिताया कि रेलवे स्टेशन का प्रवेश द्वार मंदिरनुमा तैयार किया गया है। सोमवार को स्टेशन का उद्घाटन प्रस्तावित था, लेकिन अपरिहार्य कारणों के चलते उद्घाटन की तिथि टल दी गई है।

Source – Jagran

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