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भारतीय रेलवे में कितने जोन और डिवीजन होते हैं?

February 14, 2020, 2:20 PM
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भारतीय रेलवे विश्व का दूसरा और एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. 16 अप्रैल 1853 को भारत में सबसे पहली ट्रेन मुंबई से ठाणे के बीच चली थी. इस ट्रेन ने 35 किलोमीटर की दूरी को तय किया था,  इसमें 14 डिब्बे थे और भाप का इंजन लगा हुआ था. क्या आप जानते थे इसका क्या नाम रखा गया था. इसका नाम ब्लैक ब्यूटी रखा गया था. 1854 में पूर्वी भारत में पहली ट्रेन हावड़ा से हुगली के बीच चली थी और 1859 में उत्तर भारत में कानपुर से इलाहबाद के बीच पहली ट्रेन चली थी. पहली विद्युत ट्रेन 1925 में मुंबई वीटी से कुर्ला के बीच चली थी. वर्ष 1950 में भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण हुआ था.

भारतीय रेलवे को जोन में विभाजित किया गया है और इन जोन को डिवीजन में विभाजित किया गया है. प्रत्येक जोन का एक डिवीजनल मुख्यालय होता है. प्रत्येक डिवीजनों का नेतृत्व एक डिवीजनल रेलवे प्रबंधक (DRM) करता है, जो क्षेत्र के महाप्रबंधक (GM) को रिपोर्ट करता है. भारतीय रेलवे में कुल 17 जोन और 73 डिवीजन हैं. आइये इस लेख के माध्यम से भारतीय रेलवे के जोन  और डिवीजन के बारे में अध्ययन करते हैं.

भारतीय रेलवे के जोन और डिवीजन

1. उत्तर रेलवे (Northern Railway, NR)

इसका जोनल मुख्यालय दिल्ली में स्थित है. यह भारत के उत्तर क्षेत्र में स्थित है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली रेलवे स्टेशन है. उत्तरी रेलवे भारतीय रेलवे के नौ पुराने जोनों में से एक है और 6807 किलोमीटर मार्ग वाले नेटवर्क के रूप में सबसे बड़ा है. इसमें हिमाचल, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, एनसीटी, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश राज्य शामिल हैं. इसे पाँच डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– दिल्ली
– अंबाला
– फिरोजपुर
– लखनऊ एनआर
– मुरादाबाद

2. उत्तर पूर्वी रेलवे या पूर्वोत्तर रेलवे (North Eastern Railway, NER)

उत्तर पूर्वी रेलवे का गठन 14 अप्रैल 1952 को दो रेलवे प्रणालियों (अवध और तिरुत रेलवे और असम रेलवे) और कन्नपुर-अचनेरा सेक्शन के संयोजन से हुआ था. इसे 15 जनवरी 1958 में उत्तर पूर्वी रेलवे और उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे दो जोनों में विभाजित कर दिया गया था. 2002 में रेलवे जोन के पुनर्गठन के बाद वर्तमान उत्तर पूर्वी रेलवे में तीन डिवीजन शामिल हैं. इसमें 486 स्टेशनों के साथ, 3450 किमी फैला रूट शामिल है. यह रेलवे मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तरखंड और बिहार के पश्चिमी जिलों के क्षेत्रों से होकर गुजरता है. इसे तीन डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– इज्जत नगर
– लखनऊ
– वाराणसी

3. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (Northeast Frontier Railway, NFR)

पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे, भारत में 17 रेलवे जोनों में से एक है. असम राज्य में गुवाहाटी, मालिगांव में इसका मुख्यालय स्थित है. यह पूरे पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल और बिहार के हिस्सों में रेल परिचालन के लिए जिम्मेदार  है. इसे पाँच डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– अलीपुर द्वार
– कटिहार
– लामडिंग
– रंगिया
– तिनसुकिया

4. पूर्व रेलवे (Eastern Railway, ER)

पूर्वी रेलवे का गठन 14 अप्रैल, 1952 को पूर्वी भारतीय रेलवे के एकीकरण द्वारा किया गया था. इसका जोनल मुख्यालय कोलकाता में स्थित है. इसे चार डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– हावड़ा
– सियालदाह
– आसनसोल
– मालदा

5. दक्षिण पूर्वी रेलवे (South Eastern Railway, SER)

दक्षिण पूर्वी रेलवे को बंगाल नागपुर रेलवे के रूप में जाना जाता था और वर्ष 1887 में यह अस्तित्व में आया था. 1944 में, इसका प्रबंधन भारत सरकार द्वारा लिया गया और 1955 में दक्षिण पूर्वी रेलवे का आधिकारिक तौर पर गठन किया गया था. अपने वर्तमान रूप में, इसमें कुल 2422 किलोमीटर का रूट शामिल है और पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा राज्यों में इसका परिचालन होता है. इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट्स (EMU) या स्थानीय ट्रेन सेवाएं दक्षिण पूर्वी रेलवे नेटवर्क के हिस्से के रूप में भी चलती हैं. इसका जोनल मुख्यालय कोलकाता में स्थित है. इसे चार डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– आद्रा
– चक्रधरपुर
– खड़गपुर
– राँची

6. दक्षिण मध्य रेलवे (South Central Railway, SCR)

यह 2 अक्टूबर 1966 को हुबली के डिवीजनों, दक्षिणी रेलवे क्षेत्र के विजयवाड़ा और मध्य रेलवे क्षेत्र के सिकंदराबाद सोलापुर में विलय करके गठित किया गया था. 2 अक्टूबर 1977 को, दक्षिणी रेलवे क्षेत्र के गुंटकल डिवीजन को विलय कर दिया गया था और सोलापुर जो कि पहले से इस रेलवे जोन का हिस्सा था को हटा दिया गया था और बाकी का क्षेत्र पूर्व केंद्रीय रेलवे जोन का हिस्सा कहलाया. 17 फरवरी 1978 को, मौजूदा सिकंदराबाद रेलवे डिवीजन को विभाजित करके हैदराबाद डिवीजन का गठन किया गया था. 1 अप्रैल 2003 को, गुंटूर और नांदेड़ के दो नए डिवीजन इस क्षेत्र में बनाए गए और हुबली डिवीजन को दक्षिण पश्चिमी रेलवे क्षेत्र का हिस्सा बना दिया गया था. खांडवा अकोला सेक्शन को केंद्रीय रेलवे के भुसावल डिवीजन में मिला दिया गया क्योंकि 201 में gauge रूपांतरण के लिए लाइन ली गई थी.

इसका जोनल मुख्यालय सिकंदराबाद में स्थित है. इसे छ: डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– सिकंदराबाद
– हैदराबाद
– गुंटकल
– गुंटूर
– नांदेड़
– विजयवाड़ा

7. दक्षिण रेलवे (Southern Railway, SR)

14 अप्रैल 1951 को दक्षिणी रेलवे, तीन राज्य रेलवे मद्रास और दक्षिणी माह्रात्ता रेलवे, दक्षिण भारतीय रेलवे और मैसूर राज्य रेलवे के विलय के माध्यम से अस्तित्व में आया था. दक्षिणी रेलवे का वर्तमान नेटवर्क भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें तमिलनाडु, केरल, पांडिचेरी और आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा हिस्सा भी शामिल है. इन स्वाभाविक रूप से भरपूर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध दक्षिणी राज्यों की सेवा करते हुए, दक्षिणी रेलवे पश्चिम तट पर मैंगलोर और दक्षिण में कन्याकुमारी से उत्तर पश्चिम में रेनिगुंटा और उत्तर पूर्व में गुडूर तक फैली हुई है.

इसका जोनल मुख्यालय चेन्नई में स्थित है. इसे पाँच डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– चेन्नई
– मदुरै
– पालघाट
– तिरुचुरापल्ली
– त्रिवेंद्रम

8. मध्य रेलवे (Central Railway, CR)

रेलवे क्षेत्र का गठन 5 नवंबर 1951 को ग्रेट इंडियन प्रायद्वीप रेलवे, ग्वालियर के पूर्व रियासत राज्य, सिंधिया राज्य रेलवे, निजाम राज्य रेलवे, वर्धा कोयला राज्य रेलवे और ढोलपुर रेलवे सहित कई सरकारी स्वामित्व वाले रेलवे समूहों द्वारा समूहित किया गया था. इसका मुख्यालय छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में मुंबई में है. हम आपको बता दें कि इसी लाइन पर भारत में पहली रेल यात्रा को शुरू किया गया था यानी 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे तक. इसका जोनल मुख्यालय मुंबई में स्थित है. इसे पाँच डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– मुंबई
– भुसावल
– पुणे
– शोलापुर
– नागपुर

9. पश्चिम रेलवे (Western Railway, WR)

पश्चिमी रेलवे अपने वर्तमान रूप में 5 नवंबर, 1951 को पूर्ववर्ती बॉम्बे, बड़ौदा और सेंट्रल इंडिया रेलवे (BB&CI) के विलय से अन्य राज्य रेलवे जैसे सौराष्ट्र, राजपूताना और जयपुर के विलय से अस्तित्व में आया था. बीबी और सीआई रेलवे को स्वयं ही 1855 में शामिल किया गया था, जो पश्चिम तट पर गुजरात राज्य में अंकलेश्वर से उतरन तक 29 मील ब्रॉड गेज ट्रैक के निर्माण से शुरू हुआ था. 1864 में, रेलवे को मुंबई तक बढ़ा दिया गया था. इसका जोनल मुख्यालय मुंबई में स्थित है. इसे छ: डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– मुंबई सेंट्रल
– वड़ोदरा
– रतलाम
– अहमदाबाद
– राजकोट
– भावनगर

10. दक्षिण पश्चिम रेलवे ( South Western Railway SWR)

दक्षिण पश्चिमी रेलवे दक्षिणी रेलवे के बैंगलोर और मैसूर डिवीजनों के साथ दक्षिण मध्य रेलवे से पुनर्गठित हुबली डिवीजन को मिलाकर बनाया गया था. यह रेलवे 1 अप्रैल, 2003 से कर्नाटक राज्य के हुबली अपने जोनल मुख्यालय से परिचालित की गई थी. इसे तीन डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– हुबली
– बैंगलोर
– मैसूर

11. उत्तर पश्चिम रेलवे (North Western Railway, NWR)

उत्तरी पश्चिमी रेलवे 1 अक्टूबर, 2002 से प्रभावी हुई. यह उत्तरी और पश्चिमी रेलवे से प्रत्येक 2 डिवीजनों से बनी थी. इस जोन को पांच अन्य नए जोनों के साथ 16 सितंबर, 1996 को पहली बार रेलवे बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था और इस जोन की नींव 17 अक्टूबर 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री एच.डी. देवेगौड़ा द्वारा K.P. Singh Stadium, जयपुर में रखी गई थी. इसका जोनल मुख्यालय जयपुर में स्थित है. इसे चार डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– जयपुर
– अजमेर
– बीकानेर
– जोधपुर

12. पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway, WCR)

भारतीय रेलवे के 17 जोनों में से एक पश्चिम मध्य रेलवे 1 अप्रैल 2003 को अस्तित्व में आया था. इसका मुख्यालय जबलपुर में स्थित है. इसे तीन डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– जबलपुर
– भोपाल
– कोटा

13. उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway, NCR)

उत्तर मध्य रेलवे को भारतीय रेलवे के कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है, जो इलाहाबाद, झांसी और आगरा जैसे तीन डिवीजनों में फैला हुआ है. यह उत्तर में गाजियाबाद से पूर्व में मुगलसराय तक नई दिल्ली हावड़ा ट्रंक मार्ग और पलवल से बीना तक नई दिल्ली मुंबई / चेन्नई गलियारा यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में लगभग 3062 मार्ग किमी के साथ भारतीय रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे के दिल की धड़कन के रूप में जाना जाता है. मुख्य रूप से, डबल लाइन-विद्युतीकृत वर्ग और गोल्डन चतुर्भुज के विकर्णों के रूप में परिभाषित किया गया है. इसका जोनल मुख्यालय इलाहाबाद में स्थित है. इसे तीन डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– इलाहाबाद
– आगरा
– झांसी

14. दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे (South East Central Railway, SECR)

इसका मुख्यालय बिलासपुर में स्थित है, जिसका उद्घाटन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 20 सितंबर 1998 को किया था. इसे तीन डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– बिलासपुर
– रायपुर
– नागपुर

15. पूर्व तटीय रेलेवे (East Coast Railway, ECoR)

पूर्वी तटीय रेलवे भारतीय रेलवे के नीले चिप क्षेत्रों में से एक अपने वर्तमान रूप में 1 अप्रैल 2003 से प्रभावी रूप से अस्तित्व में आई थी. तब से, नया जोनल रेलवे मुख्यालय उड़ीसा राज्य की राजधानी शहर भुवनेश्वर में स्थित है. रेलवे का भौगोलिक क्षेत्राधिकार हालांकि उत्तर पूर्वी आंध्र प्रदेश के श्रीकुलुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों और छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों के साथ उड़ीसा के लगभग सभी हिस्सों के साथ तीन राज्यों में फैला हुआ है. इसे तीन डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– खुर्दा रोड
– संबलपुर
– विशाखापत्तनम

16. पूर्वमध्य रेलवे  (East Central Railway, ECR)

पूर्वमध्य रेलवे भारत में 17 रेलवे जोनों में से एक है. इसका जोनल मुख्यालय हाजीपुर में स्थित है. इसे पाँच डिवीजनों में विभाजित किया गया है:

– दानापुर
– धनबाद
– मुगलसराय
– समस्तीपुर
– सोनपुर

17. कोल्कता मेट्रो रेलवे (Kolkata Metro Railway)

इसका जोनल मुख्यालय और डिवीजन कोल्कता में ही स्थित है.

तो ये थे भारतीय रेलवे के जोन और डिवीजन.

अंत में हम आपको बता दें कि गोरखपुर में दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म 1.35 किमी का है. भारत का सबसे पुराना कामकाजी लोकोमोटिव फेयरी क्वीन (Fairy Queen) है, जिसका निर्माण 1855 में हुआ था. यह दुनिया का सबसे पुराना काम करने वाला स्टीम इंजन भी है. रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुंबई के दादर स्टेशन पर पहली बार पूरी तरह से भारत निर्मित ट्रेन (रेक) मेधा को शुरू किया गया था. भारतीय रेलवे ने अनारक्षित यात्रियों के लिए एक नई ट्रेन, अंत्योदय एक्सप्रेस का भी अनावरण किया है.

Source – Jagran

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